CTET 2011 Question Paper-2 with Answer | ||||
Child Development | Mathematics and Science | Social studies | Language-I(Eng) | Language-II(Hindi) |
निर्देश (प्रश्न 136-150): नीचे दिए गए प्रश्नों में सबसे उचित विकल्प का चयन कीजिए।
Q136. किस प्रकार के प्रश्न बच्चों की भाषागत समझ का आकलन करने में अधिक सहायक नहीं होते?
(a) अनुमानपरक प्रश्न
(b) पाठ पर आधारित तथ्यात्मक प्रश्न
(c) कल्पनापरक प्रश्न
(d) चिंतनपरक प्रश्न
Answer: (b) पाठ पर आधारित तथ्यात्मक प्रश्न Explain: पाठ पर आधारित तथ्यात्मक प्रश्न केवल पाठ के तथ्यात्मक ज्ञान के आकलन तक ही सीमित होते हैं। इनके द्वारा बच्चों की भाषागत समझ का पूर्ण आकलन नहीं किया जा सकता है। |
Q137. ‘भाषा-शिक्षण’ में शब्दार्थ पर अधिक बल नहीं देना चाहिए क्योंकि
(a) बच्चे संदर्भ के अनुसार अनुमान लगाते हुए अर्थ ग्रहण कर लेते हैं।
(b) शब्दों के अर्थ शब्दकोश से देखे जा सकते हैं
(c) इसमें समय व्यर्थ होता है
(d) बच्चे सारे शब्दों के अर्थ जानते हैं
Answer: (a) बच्चे संदर्भ के अनुसार अनुमान लगाते हुए अर्थ ग्रहण कर लेते हैं Explain: भाषा-शिक्षण के दौरान शब्दों के अर्थ को समझाने पर ज्यादा ज़ोर देने की बजाय भाव तथा रस को समझाने पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए क्योंकि बालक यदि भाव या विषय वस्तु का सन्दर्भ समझ ले तो अनुमान लगाकर शब्दों के अर्थ स्वतः ही ग्रहण कर लेता है। |
Q138. ‘पठन-कुशलता’ का मूल्यांकन करने के लिए आप क्या करेंगे?
(a) बच्चों से ज़ोर-जोर से बोलकर पढ़ने के लिए कहेंगे ताकि उच्चारण की जाँच हो सके
(b) पढ़ी गई सामग्री पर तथ्यात्मक प्रश्न पूछेगे
(c) पढ़ी गई सामग्री पर प्रश्न बनवाएंगे
(d) पुस्तक के किसी पाठ की पंक्तियाँ पढ़वाएँगे
Answer: (c) पढ़ी गई सामग्री पर प्रश्न बनवाएंगे Explain: प्रश्नों के निर्माण के लिए विषय वस्तु का उचित ज्ञान होना जरुरी होता है। बिना विषय के उचित ज्ञान को प्राप्त किये उस पर आधारित प्रश्नों का निर्माण संभव नहीं है। पाठ को पढ़कर बच्चों से प्रश्न बनवाने के द्वारा शिक्षक यह समझ पाता है कि बच्चों ने पाठ को कितने अच्छे से पढ़ा और समझा है। |
Q139. ‘भाषा-शिक्षण’ के संदर्भ में कौन-सा कथन सही नहीं है?
(a) बच्चे भाषा की जटिल संरचनाओं के साथ विद्यालय आते हैं
(b) बच्चे अपने द्वारा बनाए गए भाषा-नियमों में विस्तार एवं परिवर्तन करते हैं
(c) समृद्ध भाषा-परिवेश भाषा अर्जित करने में सहायक होता है
(d) बच्चों की मातृभाषा का कक्षा में प्रयोग नहीं होना चाहिए
Answer: (d) बच्चों की मातृभाषा का कक्षा में प्रयोग नहीं होना चाहिए Explain: बच्चे अपनी मातृभाषा में किसी विषय-वस्तु को सहजता से सीख लेते है। भाषा शिक्षण में यदि बालक की मातृभाषा को नकारा जाये तो उनके लिए नयी भाषा सीखना कठिन हो जाता है। |
Q140. ‘बोलना-कौशल’ के विकास के लिए सबसे अधिक महत्वपूर्ण सिद्ध हो सकता है
(a) सुनी गई सामग्री का ज्यों-का-त्यों प्रस्तुतीकरण
(b) श्रुतलेख
(c) कथा श्रवण
(d) परस्पर वार्तालाप
Answer: (d) परस्पर वार्तालाप Explain: परस्पर बातचीत में बच्चे अपनी स्वतंत्र अभिव्यक्ति प्रस्तुत करते हैं और विविध सन्दर्भो में भाषा का प्रयोग करना भी सीखते हैं। अतः यह मौखिक कौशल के विकास के लिए अधिक महत्वपूर्ण सिद्ध हो सकता है। |
Q141. ‘भाषा-अर्जन और ‘भाषा-अधिगम’ के संदर्भ में कौन-सा कथन सही नहीं है?
(a) भाषा-अर्जन सहज और स्वाभाविक होता है, जबकि भाषा-अधिगम प्रयासपूर्ण होता है
(b) रोजगार प्राप्त करने के लिए ही भाषा सीखी जाती है
(c) ‘भाषा-अर्जन’ के लिए समृद्ध भाषायी परिवेश की आवश्यकता होती है
(d) भाषा-अधिगम’ में संप्रेषण-कुशलता पर भी बल रहता है
Answer: (b) रोजगार प्राप्त करने के लिए ही भाषा सीखी जाती है Explain: भाषा-अधिगम का उद्देश्य रोजगार पाना नहीं होता है अपितु भाषा सीखने के द्वारा मनुष्य का समाजीकरण होता है। यदि मनुष्य एक से ज्यादा भाषा को सीखता है, तो उसके समाजीकरण का दायरा उसी प्रकार बढ़ जाता है। |
Q142. विशेष क्षमता वाले बच्चों की कक्षा में ‘लेखन-कौशल’ के अभ्यास के लिए महत्वपूर्ण है
(a) अक्षरों की सुंदर बनावट
(b) विचारों की मौलिकता
(c) शुद्ध वर्तनी का प्रयोग
(d) आलंकारिक भाषा का प्रयोग
Answer: (b) विचारों की मौलिकता Explain: विशेष क्षमता वाले बच्चों के लेखन-कौशल के विकास के लिए ऐसे अभ्यास का निर्माण किया जाना चाहिए जिसमें वह अपने विचारों की मौलिकता प्रस्तुत कर पाएं। इसके लिए उन्हें किसी घटना या विषय पर अपनी राय लिखने का कार्य दिया जा सकता है। |
Q143. भाषा-शिक्षण में सहायक है
(a) व्याकरणिक नियमों की जानकारी
(b) निदानात्मक व उपचारात्मक कार्य
(c) शुद्ध-भाषा पर बल
(d) साहित्य-शिक्षण
Answer: (b) निदानात्मक व उपचारात्मक कार्य Explain: भाषा-शिक्षण में निदानात्मक तथा उपचारात्मक शिक्षण द्वारा बालकों के भाषा सीखने में होने वाली समस्या का पता लगाकर उसका समाधान किया जाता है। अतः यह भाषा-शिक्षण में सहायक विधि होती है। |
Q144. अन्य विषयों की कक्षाएँ भी भाषा-अधिगम में सहायता करती हैं क्योंकि
(a) अन्य विषयों के शिक्षक विषय के साथ-साथ भाषा भी सिखाते हैं
(b) सभी शिक्षक एक से अधिक भाषा जानते हैं।
(c) अन्य विषयों की पाठ्य-पुस्तकें भाषा-शिक्षण के उद्देश्यों को ध्यान में रखती हैं
(d) अन्य विषयों को पढ़ने पर वैविध्यपूर्ण भाषा-प्रयोग के अनेक अवसर उपलब्ध होते हैं
Answer: (d) अन्य विषयों को पढ़ने पर वैविध्यपूर्ण भाषा-प्रयोग के अनेक अवसर उपलब्ध होते हैं Explain: भाषा का प्रयोग किये बिना किसी भी विषय का शिक्षण संभव नहीं है। अन्य विषयों की कक्षाओं में विविध रूप से भाषा का प्रयोग किया जाता है। बच्चे दूसरे विषय को सीखने-समझने के लिए भाषा का उचित प्रयोग करते हैं। यह प्रयोग भाषा-अधिगम को पुष्ट करता है। |
Q145. ‘मौन पठन’ में मुख्यतः
(a) तेज गति से पाठ को पढ़ा जाता है
(b) शब्द-भंडार विकसित किया जाता है
(c) मन ही मन बुदबुदाते हुए पढ़ा जाता है
(d) गहन अर्थ को आत्मसात करने का प्रयास किया जाता है
Answer: (d) गहन अर्थ को आत्मसात करने का प्रयास किया जाता है Explain: मौन पठन किसी भी पाठ या विषय के गहन अर्थ को समझने की सबसे अच्छी विधि है। मौन पठन में एकाग्रता का स्तर अन्य विधियों से ज्यादा होता है। |
Q146. आप सस्वर पठन में अनिवार्यतः किस साहित्यिक विधा का समर्थन करेंगे?
(a) आत्मकथा का
(b) एकांकी का
(c) यात्रावृत्तांत का
(d) जीवनी का
Answer: (b) एकांकी का Explain: एकांकी पढाते वक्त यदि सस्वर वाचन का प्रयोग किया जाये तो एकांकी शिक्षण को रोचक बनाया जा सकता है। शिक्षक सस्वर पठन द्वारा एकांकी का मंचन कराकर अपनी भाषा की कक्षा को प्रभावी बना सकता है। |
Q147. एकांकी पढ़ाने का सबसे अच्छा तरीका है
(a) शिक्षक स्वयं पढ़ें और बच्चे सुनें
(b) बच्चों से अलग-अलग पात्रों के संवाद पढ़वाए जाएँ और फिर एकांकी का मंचन हो
(c) एकांकी को बच्चे घर से पढ़कर आएँ और कक्षा में शिक्षक सवाल पूछे
(d) शिक्षक स्वयं पढ़ते हुए सवाल पूछते जाएँ
Answer: (b) बच्चों से अलग-अलग पात्रों के संवाद पढ़वाए जाएँ और फिर एकांकी का मंचन हो Explain: एकांकी शिक्षण का सबसे प्रभावी तरीका है। कक्षा में एकांकी के सस्वर वाचन के बाद उस पर आधारित नाटक का मंचन होगा। शिक्षक द्वारा बच्चों से अलग-अलग पात्रों के संवाद का सस्वर वाचन के द्वारा एक नाटक का मंचन कराया जाना चाहिए। |
Q148. समावेशी-शिक्षा के संदर्भ में भाषा-शिक्षण के लिए अनिवार्य है
(a) भाषा-कौशलों का उपयुक्त अभ्यास
(b) विभिन्न प्रकार की गतिविधियों का उपयोग
(c) व्याकरणिक संकल्पनाओं का अधिकाधिक अभ्यास
(d) एकांकी-शिक्षण में सभी की भागीदारी
Answer: (b) विभिन्न प्रकार की गतिविधियों का उपयोग Explain: समावेशी कक्षा में शिक्षण करते वक्त बच्चों की क्षमताओं का विशेष ध्यान रखना चाहिए तथा इन क्षमताओं को ध्यान में रखते हुए शिक्षक को कक्षा में उचित गतिविधियों का प्रयोग करना चाहिए ताकि प्रत्येक बच्चा विषय-वस्तु को भली भांति समझ पाए। |
Q149. ‘बहु-सांस्कृतिक’ पृष्ठभूमि वाली भारतीय कक्षाओं में भाषा-शिक्षण के लिए अत्यावश्यक है
(a) लक्ष्यभाषा के विभिन्न भाषाओं के तत्त्वों का अधिकाधिक अभ्यास
(b) परस्पर बातचीत के लिए अनेक अवसरों का निर्माण
(c) विद्यार्थियों को ‘श्रवण व लेखन’ कौशलों के अधिकाधिक अवसर देना
(d) विद्यार्थियों को ‘भाषण व लेखन’ के अधिकाधिक अवसर देना
Answer: (d) विद्यार्थियों को ‘भाषण व लेखन‘ के अधिकाधिक अवसर देना Explain: ‘बहु-सांस्कृतिक’ पृष्ठभूमि वाली कक्षा में परस्पर बातचीत के द्वारा बच्चों के भाषा ज्ञान के स्तर को आसानी से समझा और सुधारा जा सकता है क्योंकि बातचीत में बालक अपने भाषा ज्ञान को स्वतंत्र रूप से प्रयोग में लाता है। |
Q150. हिन्दी भाषा में सतत् और व्यापक मूल्यांकन करते समय आप किस बात पर विशेष ध्यान देंगे?
(a) विभिन्न संदर्भो में भाषा प्रयोग की कुशलता
(b) शुद्ध वर्तनी
(c) परियोजना-कार्य
(d) शुद्ध उच्चारण
Answer: (a) विभिन्न संदर्भो में भाषा प्रयोग की कुशलता Explain: हिंदी भाषा में सतत् और व्यापक मूल्यांकन करते समय इस बात का मूल्यांकन किया जाना चाहिए कि बच्चा विभिन्न परिस्थितियों या संदर्भो में भाषा का कितना और कैसा प्रयोग कर रहा है। |